योगी आदित्यनाथ एक ऐसी शख्सियत जिसे भारतीय राजनीति का प्रमुख चेहरा माना जाता हैं जो राजनीति में होने के साथ-साथ एक संत के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं। वह इस समय उत्तर प्रदेश जैसे एक बड़े राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं।
योगी आदित्यनाथ की छवि एक कट्टर हिंदुत्व का समर्थन करने वाले के रूप में होती है। योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक सफर बाबरी मस्जिद विध्वंस और राम मंदिर निर्माण की लहर के साथ शुरू हुआ था। भारतीय जनता पार्टी के नेता होने के साथ-साथ वे विश्व हिंदू वाहिनी जैसे प्रखर हिंदुत्व की विचारधारा वाली संस्था के संस्थापक भी हैं। जिसकी स्थापना उन्होंने वर्ष 2002 में की थी।
योगी आदित्यनाथ जिनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है इनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव में हुआ था। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर के महंत और एक राजनीतिज्ञ भी हैं और इस समय वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद 19 मार्च, 2017 को राज्य के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
योगी आदित्यनाथ का प्रारंभिक जीवन
योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव में एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट है। जो एक वन रेंजर थे और उनकी माता का नाम सावित्री देवी है, जो एक ग्रहणी है। उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का 20 अप्रैल 2020 को निधन हो गया। वह तीन बड़ी बहनों और एक बड़े भाई के बाद अपने माता-पिता की सात संतानों में पांचवें है, और उनके दो छोटे भाई हैं।
योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 1977 से टिहरी के गाजा के एक स्थानीय स्कूल में अपनी पढ़ाई की शुरूवात की और 1987 में यहीं से 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद 1989 में ऋषिकेश में श्री भारत मंदिर इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में स्नातक की पढ़ाई के दौरान, वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए। 1992 में, उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर से गणित में बीएससी पास किया।
1993 में योगी आदित्यनाथ गुरु गोरखनाथ पर शोध करने के लिए गोरखपुर आए और अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ की शरण में गोरखपुर में दीक्षा ली। इस प्रकार 1994 में वे पूर्ण साधु बन गए। जिसके बाद उनका नाम अजय सिंह बिष्ट से बदलकर योगी आदित्यनाथ कर दिया गया। 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद उन्हें महंत बनाया गया इसके दो दिन बाद, उन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठानों के अनुसार गोरखनाथ मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।
योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक सफर
योगी आदित्यनाथ का भारतीय जनता पार्टी से जुड़ाव एक दशक पुराना है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उनका काफी प्रभाव है। इससे पहले उनके पूर्ववर्ती और गोरखनाथ मठ के पूर्व महंत अवैद्यनाथ जी भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 और 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके थे। महंत अवैद्यनाथ जी ने योगी आदित्यनाथ को मंदिर के महंत साथ साथ अपना राजनैतिक उत्तराधिकारी भी नियुक्त किया था।
योगी आदित्यनाथ ने पहली बार 1998 में गोरखपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जहाँ उनकी बहुत कम अंतर से जीत हुई थी। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़ता गया और वे लगातार 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने गए।
योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2002 में हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया, जो एक सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। 2004 में इन्होने तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में वे 2 लाख से भी अधिक वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में वे फिर से दो लाख से अधिक वोटों से जीतकर पांचवीं बार फिर से चुने गए।
2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश की 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ ने खूब जोर शोर से प्रचार किया गया। 2017 के विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ बीजेपी के स्टार प्रचारको में शामिल थे, जहाँ उन्हें पूरे राज्य में प्रचार के लिए एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।
योगी आदित्यनाथ का जीवन परिचय संक्षेप में
पूरा नाम |
योगी आदित्यनाथ |
मूल नाम |
अजय सिंह बिष्ट |
जन्म स्थान |
5/06/1972 पौड़ी गढ़वाल,यमकेश्वर तहसील पंचूर गांव |
पिता का नाम |
स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट |
माता का नाम |
सावित्री देवी |
पत्नी का नाम |
अविवाहित (सन्यासी) |
भाई – बहन |
मानवेंद्र बिष्ट, शैलेंद्र बिष्ट, महेंद्र बिष्ट, शशि |
शिक्षा |
बी.एस.सी (गणित) |
संगठन |
हिन्दू युवा वाहिनी |
राजनैतिक पार्टी |
भारतीय जनता पार्टी |
लोकसभा सदस्य |
गोरखपुर (1998, 1999, 2004, 2009, 2014) |
विधान सभा |
अभी विधान परिषद के सदस्य है |
मुख्यमंत्री का कार्यकाल |
19 मार्च 2017 से अब तक |
निवास स्थान |
5, कालिदास मार्ग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत |
वेतन प्रति माह |
1 लाख 29 हजार रूपये |
कुल सम्पत्ति |
96 लाख |
योगी आदित्यनाथ का विवादो से नाता
योगी आदित्यनाथ का राजनीतिक जीवन काफी विवादों में रहा है।
2005 में, योगी आदित्यनाथ पर ईसाइयों को धर्मांतरित करने का आरोप लगाया गया था। जिसमें उत्तर प्रदेश के एटा में 1800 ईसाइयों ने हिंदू धर्म को अपना लिया था।
सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले लोगों से योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं करते उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है। जो धूप में भी हिंदू-मुसलमान को देखते हैं, ऐसे लोगों को पानी में डूब कर मर जाना चाहिए।
एक वीडियो में योगी आदित्यनाथ लव जिहाद पर अपने समर्थकों से कहते सुनाई दे रहे थे कि यदि मुसलमान एक हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन करेंगे तो हम 100 मुस्लिम लड़कियों का धर्म परिवर्तन करेंगे।
दादरी कांड पर योगी ने कहा था कि जब से अखलाख पाकिस्तान गया था उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदल गई थीं। क्या सरकार ने कभी यह जानने की कोशिश की है कि यह शख्स पाकिस्तान क्यों गया था और आज उसका महिमामंडन किया जा रहा है। अखलाक को गौ मांस खाने के आरोप में भीड़ ने उसे उसके घर के अंदर घुसकर मार डाला था। इस पर आजम खान ने यूएन जाने की धमकी दी थी जिस पर योगी ने उन्हें तुरंत बर्खास्त करने को कहा था।
विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर उन्हें अनुमति मिली तो वह देश की सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवाएंगे।
योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव के दौरान राम मंदिर पर बयान देते हुए कहा था कि राम मंदिर जरूर बनेगा और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को रोकने की किसी की हिम्मत नहीं है।
सितंबर 2015 में, योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मुसलमानों में ‘उच्च’ प्रजनन दर के कारण मुस्लिम आबादी बढ़ रही है, जो जनसंख्या असंतुलन का कारण बन सकती है। भारत के अंदर मुसलमानों में अपेक्षाकृत उच्च प्रजनन दर एक गंभीर जनसंख्या असंतुलन को जन्म देगी।
जेएनयू की घटना पर योगी आदित्यनाथ ने कन्हैया कुमार के बारे में कहाँ था कि जेएनयू समेत देश के किसी भी शैक्षणिक संस्थान से किसी जिन्ना को पैदा नहीं होने दिया जाएगा। अगर अब कोई जिन्ना पैदा होने की कोशिश करेगा तो उसे उसके जन्म से पहले ही दफना दिया जाएगा।
नवंबर 2015 में, योगी आदित्यनाथ ने शाहरुख की तुलना पाकिस्तानी हाफिज सईद से की थी और कहा था हाफिज सईद की भाषा और शाहरुख की भाषा में कोई अंतर नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है और शाहरुख खान भी इसमें शामिल हैं, अगर देश में बहुसंख्यक समाज शाहरुख खान की फिल्मे देखना बंद कर दे तो वह सड़क पर आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुछ बड़े फैसले
योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में कुल 47 मंत्री शामिल हैं।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही उत्तर प्रदेश की जनता के लिए कई बड़ी बातों का ऐलान किया है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
- सीएम योगी आदित्यनाथ की कांटेक्ट डिटेल्स, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी क्या है?
- नरेंद्र मोदी की जीवन यात्रा: Biography of Narendra Modi
- पीएम नरेंद्र मोदी की कांटेक्ट डिटेल्स, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी क्या है?
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही पुलिस कर्मचारियों को आदेश दिया है कि जल्द से जल्द ऐसी योजना तैयार की जाए, जिससे उत्तर प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को बंद किया जा सके।
योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रमुखों को राज्य में गौ तस्करी पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने का आदेश दिया है, और पुलिस को इस काम में सख्ती बरतने की आजादी है। गौ तस्करी के लिए उन्होंने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई।
मुख्यमंत्री बनने के दूसरे ही दिन उन्होंने उत्तर प्रदेश में लड़कियों से छेड़छाड़ करने वालों के विरोध में उन्होंने पुलिस को ‘एंटी रोमियो स्क्वॉड’ नाम की टीम बनाने का आदेश दिया। यह टीम लखनऊ समेत सभी जिलों के स्कूल-कॉलेजों के बाहर तैनात रहेगी।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते हुए एक और बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत किसी भी कर्मचारी को सरकारी कार्यालय में पान या तंबाकू खाने की अनुमति नहीं होगी। सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ यह फैसला स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों में भी लागू हुआ।
योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट के सभी मंत्रियों से कहा है कि वे पंद्रह दिन के भीतर अपनी सभी निजी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा अपने सामने लाएं।
योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही अयोध्या में विशाल रामायण संग्रहालय के निर्माण की बात कही, इस काम के लिए अयोध्या में 25 एकड़ जमीन का चयन किया है और इस काम में केंद्र सरकार ने 154 करोड़ का फंड दिया।
योगी आदित्यनाथ ने गैर सरकारी सलाहकारों को नौकरी से हटाने का आदेश दिया। समाजवादी पार्टी सरकार ने अपने समय में 80 ऐसे सलाहकार नियुक्त किए थे, जो एक मंत्री को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सांप्रदायिक शांति के लिए यह बेहद जरूरी कदम उठाये इसके साथ ही उन्होंने महिला सुरक्षा पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई।
VIP कल्चर को खत्म करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने अपने सभी मंत्रियों को निजी वाहनों में लाल बत्ती का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया है।
Whenever I read your articles, I like it very much, you keep writing articles like this. with Learn In An Easy Way