अक्सर हम सभी न्यूज़ चैनलों पर और सरकारी घोषणाओं में नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं का जिक्र अवश्य ही सुनते है, लेकिन एमएसएमई क्या है, यह बहुत ही कम लोगो को पता होगा। आज हम इस लेख के माध्यम से एमएसएमई के विषय में बात करेगे।
एमएसएमई Full Form
एमएसएमई क्या है?
MSME in Hindi
MSME Sector भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है, इससे सम्बंधित सभी नियम इसी मंत्रालय द्वारा बनाये जाते है। एमएसएमई उद्योगों को सुचारु रूप से गति प्रदान करने के लिये के लिए सरकार ने नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के लिये कुछ नियम बनाये है।
देश में मौजूद जितने भी सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों है, उनसे सम्बंधित नियम, विनियम और कानून तथा आवश्यकता होने पर नए नियम और कानूनों के निर्माण के लिए भारत सरकार का यह मंत्रालय एक सर्वोच्च संस्था है।
किसी भी देश की आर्थिक मजबूती, उस देश के युवा उधमियों पर ज्यादा होती है। इसलिये भारत सरकार छोटे- बड़े व्यापारिक संगठनों को किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना ना करना पड़े, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्हें एमएसएमई रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बना दिया है।
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MSME kya hai
एमएसएमई, छोटे आकार के निवेश के लिये एक उपयुक्त संस्था है, जिसमे कुशल और अकुशल दोनों प्रकार के व्यापारी हो सकते है। नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं बड़ी संख्या में बेरोजगारों के लिये रोजगार के अवसर को प्रदान करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को निभाती है।
ये सभी उधोग अपना योगदान निर्यात के क्षेत्र में, निर्माण क्षेत्र में, कच्चे माल को तैयार करना, बुनियादी सामानो की आपूर्ति के द्वारा बड़े उद्योगों को चलाने में अपना योगदान प्रदान करते है। भारत सरकार एमएसएमईडी (MSMED) अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत कंपनियों या व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी भी देती है।
एमएसएमई के प्रकार
Types of MSME in Hindi
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उधोग को ही संक्षेप में MSME कहा जाता है। एमएसएमई मुख्यत दो प्रकार के होते हैं-
- मैनुफैक्चरिंग यूनिट
- सर्विस यूनिट
मैनुफैक्चरिंग यूनिट (मैनुफैक्चरिंग यूनिट में नई चीजों को बनाने या कच्चा माल का निर्माण करने का कार्य किया जाता है) यानी की उत्पादन करने वाली इकाई और सर्विस यूनिट (सर्विस यूनिट में मुख्य रुप से सेवाओ को प्रदान करने का कार्य किया जाता है।
इस सेक्टर में लोगों को या दूसरी विभिन्न संस्थाओं को अपनी सर्विस देने का काम किया जाता है) जो मुख्य रुप से सेवा देने का काम करती हैं।
हाल ही में सरकार ने नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं को घोषित करते हुऐ एमएसएमई की नई परिभाषा बदली है, जिससे यह उद्यम सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की श्रेणी में आएंगे।
- सूक्ष्म उद्योग : सूक्ष्म उद्योग के अंतर्गत वह उद्यम आते हैं, जिनमें एक करोड़ रुपये का निवेश मशीनों और दूसरे सामानो पर किया गया हो, और उसका टर्नओवर 5 करोड़ तक हो। यहां पर इस निवेश का यह मतलब कि उस कंपनी ने मशीनरी और अन्य उपकरण वगैरह में कितना निवेश किया गया है। यह नियम मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों क्षेत्र के उद्यमों पर लागू होता है।
- लघु उद्योग : लघु उद्योग की श्रेणी में उन उद्योगों को रखा जाता है, जिनमें निवेश 10 करोड़ तक का हो और उनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये तक का हो। यहाँ पर नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं में निवेश और टर्नओवर की सीमा मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों प्रकार के सेक्टर पर लागू होती है।
- मध्यम उद्योग : मध्यम उधोग की श्रेणी में मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के वो उद्योग आते है, जिनमें निवेश 50 करोड़ का हो और उनका टर्नओवर 250 करोड़ का हो। इससे पहले वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान करते हुए एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा को बदला था, जिसके तहत 20 करोड़ रुपये का निवेश और 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाले उद्यमों को मध्यम उद्योग की श्रेणी में रखा गया था।
लेकिन उद्यमी सरकार के इस नए प्रस्ताव से खुश नहीं थे, इसलिये 1 जून 2020 को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने उद्यमियों की इस मांग को पूरा करते हुए नया बदलाव किया है। जिसके तहत अब मैनुफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर के ऐसे उद्योग को शामिल किया गया है, जिनमें 50 करोड़ का निवेश (मशीन और यूनिट लगाने का खर्च आदि) हो और उनका टर्नओवर 250 करोड़ हो, वह अब मध्मम उद्योग की श्रेणी में आएंगे।
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नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं
सरकार ने नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं शुरू की है यदि कोई बिजनेस शुरू करना चाहते है तो ये एमएसएमई योजनाएं नए उद्यमियों को 50 हजार से 2 करोड़ रुपये तक के लोन प्रदान करती हैं –
- PMEGP स्कीम (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम)
- प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना
- SIDBI – माइक्रो और स्माल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फण्ड
- क्रेडिट गारंटी योजना
- स्टार्टअप इंडिया
- बैंक क्रेडिट सुविधा
कोई भी नया नए उद्यमि अगर अपना नया व्यवसाय शुरू करना चाहता उसे नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के तहत आपको इन 6 योजनाओं का फायदा मिल सकता हैं। एमएसएमई योजनाएं के माध्यम से आप बड़ी ही आसानी से आपने व्यवसाय के लिए लोन प्राप्त कर सकते हैं। चलिए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं –
PMEGP स्कीम (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम)
भारत सरकार की यह योजना सभी राज्यों में चल रही है। ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के वे लोग जो अपना नया बिजनेस शुरू करना चाहते है PMEGP योजना के तहत शुरू कर सकते हैं। PMEGP योजना के तहत शुरू किया जा रहा बिजनेस, सर्विस सेक्टर या मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का होना चाहिए। इस योजना में ऋण मंजूरी की प्रक्रिया बड़ी सरल है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना भी शामिल है इस योजना के तहत आपको अपने व्यवसाय के लिए आसानी से बैंक लोन मिल जाता हैं। MUDRA योजना जिसका पूरा नाम Micro Units development and refinance agency हैं के तहत आप 10 लाख रूपये तक का लोन ले सकते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को 2015 में लांच किया गया और आगामी 2 वर्ष के भीतर ही इस योजना के तहत तक़रीबन 118 करोड़ से अधिक लोन दिया जा चूका हैं। सरकारी आकड़ों के मुताबिक नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं में 14 अगस्त 2020 तक 67 हजार से भी अधिक लोन फ़ाइलों को फाइल पास किया जा चुका हैं जिसमे 48,000 करोड़ का लोन पास हुआ हैं। मुद्रा लोन तीन प्रकार से दिया जाता हैं–
- शिशु लोन – यह छोटे बिज़नस के लिए हैं इसमे 50 हजार तक का लोन दिया जाता हैं।
- किशोर लोन – यह मध्यम दर्जे के बिज़नस के लिए हैं। इसमें 5 लाख तक का लोन दिया जाता हैं।
- तरुण लोन – यह बड़े बिजनेस के लिए हैं और इसमें 10 लाख तक का लोन दिया जाता हैं।
SIDBI – माइक्रो और स्माल एंटरप्राइजेज के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फण्ड
नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं में SIDBI के जरिए नए स्टार्टअप में फण्ड प्रोवाईड किया जाता है यह एक अच्छा आप्शन है। इस योजना में नए बिजनेस या स्टार्टअप के लिए बिना कुछ गिरवी रखे 1 करोड़ तक प्राप्त किया जा सकता हैं ताकि नए बिज़नस को गति प्रदान की जा सके।
यह एक प्रकार का बिजनेस लोन हैं जिसे SIDBI द्वारा संचालित किया जाता हैं। SIDBI की फूल फॉर्म Small Industries Development Bank of India हैं। यदि इस लोन के अप्लाई के लिए आपके सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो यह लोन 3 दिन के भीतर पास हो जाता हैं।
क्रेडिट गारंटी योजना
क्रेडिट गारंटी योजना MSME की लोन प्रणाली को आसान और मजबूत बनती हैं। नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के तहत MSME के लिए लोन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए इस क्रेडिट गारंटी योजना की शुरुआत की गई हैं। इस योजना के लिए सरकारी, निजी और भारतीय स्टेट बैंक के साथ-साथ ग्रामीण व क्षेत्रीय बैंक भी लोन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस योजना के तहत यदि किसी कंपनी का टर्नओवर 2 करोड़ है तो वह अपने बिजनेस का 75 प्रतिशत या 1.15 करोड़ रुपये तक की गारंटी कवर ले सकता है। इसके अतिरिक्त सूक्षम उद्योग 5 लाख तक के लोन का तकरीबन 85 प्रतिशत तक का गारंटी कवर ले सकते है।
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स्टार्टअप इंडिया फण्ड
भारत सरकार स्टार्टअप को सबसे ज्यादा प्रेरित कर रही हैं। ऐसे स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं चला रही हैं। स्टार्ट इंडिया योजना के द्वारा अनसुचित जाति / अनुसूचित जन जाति और महिला उद्यमियों को स्टार्टअप के लिए धन उपलब्ध कराया जाता हैं।
स्टार्ट इंडिया योजना में बैंक की हर शाखा कम से कम एक SC / ST और महिला उद्यमी को लोन उपलब्ध करवाएगी। और लोन राशि 10 लाख से लेकर 1 करोड़ तक की हो सकती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को प्रोत्साहित करना है ताकि वे खुद अपनी राह चुन सके।
बैंक क्रेडिट सुविधा
नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं में बैंक क्रेडिट सुविधा भी है जिसे राष्ट्रिय लघु उद्योग निगम द्वारा संचालित किया जाता हैं। यह MSME व्यवसायों के लिए लोन की मांग की पूरा करती हैं। इस योजना में जो भी लोन दिया जाता हैं वह राष्ट्रीयकृत बैंक के द्वारा दिया जाता हैं। इसमे निगम और सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों ने एक MO पर हस्ताक्षर किये हैं ताकि बिना किसी माध्यम और लगत के MSME लोन क्रेडिट दिया जा सके।
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
MSME Registration in Hindi
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, ऑफ़ लाइन और ऑनलाइन दोनों ही प्रकार से किया जा सकता है।
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन – ऑफ़ लाइन
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहले आप जो भी उधोग शुरू कर रहे है, सबसे पहले उस उधोग से सम्बंधित विभाग से आवेदन पत्र को प्राप्त कर उसमे अपने व्यापार से सम्बंधित सभी बुनियादी जानकारी को ध्यान से भरे, फिर उसके बाद सभी संबंधित दस्तावेजो के साथ एमएसएमई ऑफिस में उसे पंजीकृत करा लें।
लेकिन यह ध्यान रखे की नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के द्वारा आवेदन और दस्तावेज़ो को जमा कराने से पहले किसी विशेषज्ञ से अपने सारे दस्तावेजो को प्रमाणित जरूर करा ले, उसके बाद ही आवेदन को जमा करे, आप जिस भी जिले में अपना व्यवसाय शुरू करने जा रहे है, वहां के जिला उद्योग केंद्र में ही अपने आवेदन को जमा करे।
इसके बाद उस विभाग के द्वारा, आपके आवेदन और सभी दस्तावेज़ो को एमएसएमई रजिस्ट्रार के पास फाइल कर दिया जायेगा। फिर वहां सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ उसका सत्यापन करेंगे, सत्यापन के बाद ही आपके आवेदन को स्वीकृती प्रदान की जायेगी, जिसके बाद एमएसएमई विभाग से आपको एक प्रमाण पत्र जारी कर दिया जायेगा और आपको कोरियर और इमेल के माध्यम से भी सूचित कर दिया जायेगा।
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन – ऑनलाइन
एमएसएमई रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किये गए वेब पोर्टल या लिंक https://msme.gov.in/online-application पर जाकर दिए गए निर्देश के अनुसार, अपनी आधार संख्या, मालिक का नाम इत्यादि सभी जानकारियों को भरने के बाद अपना आवेदन जमा कर दे।
आवेदन जमा होने के बाद आपके Registered Mobile नम्बर या इमेल पर एक ओटीपी अर्थात एक यूनिक नम्बर आएगा, जिसे आपको आवेदन में सबमिट करना होगा और नीचे दिए गए Captcha को भरकर आवेदन को जमा कर दें।
आवेदन को जमा करने के बाद सम्बंधित विभाग द्वारा आपके सभी दस्तावेजों को सत्यापित किया जायेगा, जिसके बाद आपको एमएसएमई से एक प्रमाणपत्र जारी कर दिया जायेगा। उत्पादन शुरू होने के बाद आप स्थायी प्रमाणपत्र के लिए भी आवेदन कर सकते है।
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एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के लिये आवश्यक दस्तावेज
- पैन कार्ड की प्रतिलिपि
- पहचान प्रमाणपत्र के लिये आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि
- पासपोर्ट आकार की तस्वीर
- यदि किराये की संपत्ति पर आपका उद्योग स्थापित है, तो किराया समझौता का एग्रीमेंट
- स्वयं की स्वामित्व वाली सम्पत्ति या सौदे का दस्तावेज़
- एफिडेविट अर्थात शपथपत्र
- घोषणा दस्तावेज
- एनओसी
- साक्षी के रूप में दो व्यक्ति
एमएसएमई के फायदे
Benefits of MSME in hindi
बैंको से लाभ : सभी बैंक और अन्य सभी वित्तीय संस्थान एमएसएमई सेक्टर की गाइडलाईन को जानते है, इसलिए आपको अपने व्यवसाय के लिए लोन की स्वीकृति कम ब्याज दर पर आसानी से प्राप्त हो सकती है। नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के तहत दिये गये लोन पर ब्याज की दर सामान्य व्यापार के ब्याज दर की तुलना में 1 से 1.5 प्रतिशत तक कम होती है।
राज्य सरकार द्वारा छूट : लगभग सभी राज्य एमएसएमईडी अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत किये गये उधमों को बिजली, कर तथा औद्योगिक सब्सिडी प्रदान करते है, इसके अतिरिक्त उन्हें राज्य द्वारा विशेष रूप से बिक्री कर में छूट दी जाती है।
कर में लाभ : अपने व्यवसाय के आधार पर नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के तहत पंजीकृत होने के बाद एक्साईज कर छूट योजना का लाभ ले सकते है, व्यवसाय शुरू करने के कुछ प्रारंभिक वर्ष में प्रत्यक्ष करों में छूट मिलती है, सरकार के द्वारा अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिये व्यापारियों को कई प्रकार की सब्सिडी भी प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें लाभ की प्राप्ति हो और वे अपना वयवसाय स्थापित कर सके।
केंद्र और राज्य सरकार से अनुमोदन : एमएसएमई सेक्टर में पंजीकृत होने वाले व्यवसाय को सरकारी लाईसेंस और प्रमाणीकरण जल्दी और आसानी से मिल जाता है। कई ऐसी सरकारी योजनाये या टेंडर है, जो केवल लघु उधोगो को बढ़ावा देने के लिए अर्थात केवल एमएसएमई यूनिट्स के लिए ही खुली होती है।
एमएसएमई क्या है – मुख्य बिन्दु
- MSME को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ (Back Bone) कहा जाता है।
- MSME देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 29 फीसदी का योगदान करता है।
- यह देश में रोजगार निर्माण का सबसे बड़ा माध्यम है।
- नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं के तहत बैंक से 1 करोड़ से लेकर 20 करोड़ तक का लोन मिल सकता है, जिसमे सूक्ष्म के लिए 1 करोड़, लघु के लिए 10 करोड़ एवं मध्यम के लिए 20 करोड़ तक की लिमिट का प्रवधान है।
- एमएसएमई उधोग पर लोन का इंटरेस्ट रेट 6.25 – 8.30 के बीच है।
- एमएसएमई के द्वारा लगभग 12 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष या अ-प्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलता है।
- एमएसएमई के विकास के लिए सरकार द्वारा पीएम मुद्रा योजना और उद्योग आधार योजना चलाई जा रही हैं।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए आप वेब पोर्टल msme.gov.in पर जाकर कर सकते है।
अंत में
हमनें इस लेख के माध्यम से आपको “एमएसएमई क्या है – नए उद्यमियों के लिए एमएसएमई योजनाएं।” के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने प्रयास किया गया है, हमे पूरी उम्मीद है यह जानकारी आपके लिये काफी उपयोगी साबित होगी।
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