जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य क्या है? भारत के उड़ीसा राज्य में पुरी में स्थित प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर भक्तों के लिए एक प्रमुख आस्था रखता है। यह हिन्दू धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, और यहा पर वार्षिक रथ उत्सव या रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है जो विश्व भर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर आस्था का केंद्र होने के साथ साथ अपने कुछ आश्चर्यो से सबको अचंभित भी कर देता है।
एक दिन नदी में पवित्र डुबकी लगाने के दौरान, राजा इंद्रद्युम्न ने एक लकड़ी की छड़ी को पानी में तैरते हुए पाया। तब भगवान विष्णु ने राजा को ऐसे संकेत दिये की पानी में तैरने वाली छड़ी उनका दिल है, जो हमेशा के लिए इस भूमि पर रहेगा। तब राजा ने भगवान की आज्ञा अनुसार उस छड़ी के भगवान जगन्नाथ के रूप में मंदिर में स्थापित किया लेकिन उन्होंने कभी भी किसी को उस छड़ी को देखने या उसे छूने की अनुमति नहीं दी थी।
जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य क्या है?
जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि जब पांडवों ने स्वर्ग के लिये यात्रा की शुरूवात की, तो सप्त ऋषियों ने उन्हें ‘मोक्ष’ को प्राप्त करने के लिये सबसे पहले ‘चार धाम’ की यात्रा को करने की सलाह दी। पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर ‘चार धाम’ के पवित्र स्थानों में से एक है। भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति हमेशा से लोगों के लिए वर्जित रही है, और भक्त उनके दर्शन केवल एक विशेष अवधि के लिए ही कर सकते हैं।
इन सभी तथ्यों के अलावा भगवान जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य के लिए भी जाना जाता है जो किसी भी वैज्ञानिक व्याख्या के एकदम विपरीत हैं। इन सभी रहस्यों के पीछे लोगों का यह मानना है कि ये सभी रहस्य वास्तव में भगवान जगन्नाथ का ही आशीर्वाद है। इन सभी आश्चर्यो का अनुभव करने के लिये आपको इस दिव्य स्थान की यात्रा करने की आवश्यकता है।
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जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य जिनके बारे में अधिक जानने के लिए आगे पढ़े।
- मंदिर का झंडा जो हमेशा हवा की उल्टी दिशा मे लहराता है
जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य है की मंदिर के शिखर पर लगा झंडा अजीब तरह से हमेशा हवा की विपरीत दिशा में ही लहराता है। हवा के विपरीत दिशा में लहराता हुआ झंडा सभी वैज्ञानिक तर्कों को अस्वीकार कर देता है, और यह आपको यह मानने पर विवश कर देता हैं कि विज्ञान की तुलना में भी कुछ ऐसा बल है जो बहुत अधिक शक्तिशाली है।
- मंदिर के शिखर पर लगा सुदर्शन चक्र
जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य, यह चक्र वास्तव में 20 फीट ऊंचा है और इसका वजन एक टन है। इसे मंदिर के ऊपर शिखर पर लगाया गया है। लेकिन इस चक्र के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि आप इस चक्र को पुरी शहर के किसी भी कोने से देख सकते हैं, और यह हमेशा आपको अपने सामने ही दिखाई देगा। चक्र का स्थान और उसकी स्थिति के पीछे की इंजीनियरिंग आज भी एक रहस्य है क्योंकि आपकी किसी भी स्थिति के बावजूद, आप हमेशा यह महसूस करगे कि चक्र की स्थिति आपकी ओर ही है।
- कोई भी विमान और कोई भी पक्षी मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ता
आपको यह जानकर और भी आश्चर्य होगा कि कोई भी पक्षी या विमान इस मंदिर के ऊपर से नहीं उड़ते हैं। इसके विपरीत, ऐसा चमत्कार भारत के अन्य दूसरे किसी भी मंदिर में दुर्लभ है। यह साइट वास्तव में एक नो-फ्लाई ज़ोन है, जिसे किसी भी राज्य शक्तियों के द्वारा घोषित नहीं किया गया है, लेकिन इसके पीछे कुछ दैवीय शक्ति कारण है। अभी तक इस रहस्य का स्पष्ट रूप से किसी भी प्रकार का कोई स्पष्टीकरण मौजूद नहीं है। इसलिये यह अभी तक एक रहस्य ही बना हुआ है।
- जगन्नाथ मंदिर की संरचना
इस मंदिर की संरचना ऐसी है कि यह दिन के किसी भी समय पर अपनी छाया को नहीं डालता है। इस कारण को अभी तक भी नहीं समझा जा सका है कि क्या यह कोई एक इंजीनियरिंग चमत्कार है या कोई दैवीय घटना है जिसे केवल ईश्वरीय शक्ति के द्वारा ही अनुभव किया जा सकता है।
- मंदिर के सिंघद्वार का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर में चार दरवाजे हैं, और सिंघद्वार मंदिर मे प्रवेश के लिऐ मुख्य द्वार है। जब आप सिंघद्वार के माध्यम से मंदिर मे प्रवेश करते हैं, तो आपको समुद्र की लहरों की आवाज़ स्पष्ट रूप सुनाई देती हैं, लेकिन जब आप एक बार सिंघद्वार को पार कर लेते है तो लहरों की आवाज सुनाई देना बंद हो जाती है, लेकिन यदि आप बस एक मोड़ लें और उसी दिशा में वापस चलें, तो आपको लहरों की आवाज़ वापिस सुनाई देगी। जब तक आप मंदिर के अंदर रहेंगे तब तक आपको लहरों की आवाज़ नहीं सुनाई देगी।
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- समुद्र से आने वाली हवा का रहस्य
जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य, आपने दुनिया के किसी भी हिस्से में यह आपने देखा होगा कि दिन के समय मे हवा समुद्र से जमीन पर आती है, और यह शाम के समय भूमि से समुद्र की ओर बढ़ती है। हालांकि इस विषय में यह भौगोलिक कानून पूरी मे उल्टा हैं। यहाँ पर सब कुछ प्रकर्तिक नियमो के विपरीत ही होता है।
- 1800 साल पुरानी एक परम्परा
यहाँ हर दिन एक पुजारी मंदिर के शिखर पर चढ़ता है, झंडा बदलने के लिए यह मंदिर 45 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है। यह अनुष्ठान 1800 वर्षों से निरंतर चल रहा है। इस विषय में यह माना जाता है कि यदि यह अनुष्ठान कभी छूट गया तो यह मंदिर अगले 18 वर्षों के लिये बंद हो जायेगा।
- प्रसाद का रहस्य जो कभी कम नहीं पड़ता
भगवान जगन्नाथ के मंदिर में कुछ भी व्यर्थ नहीं जाता। हर दिन के आधार पर, यह रिकॉर्ड बताते हैं कि मंदिर में 2,000 से 20,000 तक भक्त दर्शन करने आते हैं। लेकिन, इस मंदिर में पकाये जाने वाले प्रसाद की मात्रा कभी भी कम नहीं पड़ती और यह पूरे साल भर एक ही रहती है। यहाँ यह जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य है, की प्रसाद कभी भी बर्बाद नहीं होता है या ना ही किसी भी दिन यह कम पड़ता है।
- प्रसाद को पकाने की तकनीक
भगवान जगन्नाथ के मंदिर में स्थित यह रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है। इस रसोई में एक साथ 500 के करीब रसोइये और 300 के आस-पास इनके सहयोगी मिलकर भगवान के लिये प्रसाद को तैयार करते हैं। यहाँ प्रसाद को पकाने में जलाऊ लकड़ी व मिट्टी के बर्तनो का उपयोग किया जाता है। 7 मिट्टी के बर्तनों को एक के ऊपर एक रखा जाता है। इसमें सबसे दिलचस्प बात यह है कि सबसे ऊपरी रखे बर्तन की सामग्री सबसे पहले पक जाती है, उसके बाद नीचे के बर्तन में रखी सामग्री पकती है।
अंत में
हमनें इस लेख के माध्यम से आपको “जगन्नाथ मंदिर के अद्भुत रहस्य क्या है?” के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने प्रयास किया गया है, हमे पूरी उम्मीद है यह जानकारी आपके लिये काफी उपयोगी साबित होगी।
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