एसईओ क्या है, एसईओ करने की 3 सबसे आसान Tricks कौन सी है?

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एसईओ क्या है
एसईओ क्या है

एसईओ एक ऐसी तकनीक, जिसके बिना किसी भी ब्लॉग वेबसाइट का सफल होना बड़ा मुश्किल होता है। हम में बहुत से लोग ब्लॉगर बनना चाहते है और वो इसके लिये मेहनत भी करते है। लेकिन एसईओ क्या है और सर्च रिजल्ट में आने के लिए जो एसईओ टिप्स क्या है उनकी जानकारी ना होने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिल पाती है, और वे निराश होकर ब्लॉग्गिंग को छोड़ देते है।

लेकिन अब आपको निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है बस कुछ ऐसी एसईओ ट्रिक्स होती है जिनका प्रयोग करके सफल बना जा सकता है। ऑर्गैनिक ट्राफिक किसी भी वेबसाइट के बहुत जरुरी है आपका ब्लॉग या वेबसाइट गूगल के सर्च रिजल्ट में आये इसके प्रोपर एसईओ क्या है इसकी तकनीक को समझना बहुत जरुरी है। 
 
इसीलिए आज इस आर्टिकल में एसईओ से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ उपलब्ध कराने का प्रयास किया जायेगा ताकि आप लोग वास्तव एसईओ क्या है इसे सही से जान सके। यदि आप इस पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तह पढ़ेंगे तो एसईओ कैसे करते है इससे सम्बंधित सभी ट्रिक्स को आप समझ जायेगे।  

एसईओ क्या है

What is SEO in hindi      

एसईओ यानिकि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन यदि इसे हम बिलकुल सरल शब्दों में कहे तो एसईओ क्या है यह वह तरीका है, जिसका उपयोग आपकी अपनी वेबसाइट या आर्टिकल को सर्च इंजन की खोज परिणाम पृष्ठों यानिकि SERPs (Search Engine Result Page) पर आपको ऊपर ला सकता है। 
 
एसईओ गूगल के सर्च रिजल्ट में आपके ब्लॉग को पहले पेज पर ला सकता है, जिसके परिणाम सवरूप आपकी वेबसाईट या ब्लॉग पर विज़िटर की संख्या बढ़ने लगती है। सभी ब्लॉगर एसईओ क्या है उसकी तकनीक को समझकर अपनी ब्लॉग वेबसाईट को हमेशा गूगल के सर्च रिजल्ट में पहले पेज पर ही दिखा सकते है, क्योंकि सबसे अधिक लोग पहले पेज पर आने वाली वेबसाइट पर ही visit करना पसंद करते हैं।
एसईओ क्या है
एसईओ क्या है

एक रिसर्च के अनुसार लगभग 94% clicks गूगल के पहले पेज पर ही आते हैं। इसलिये अपने ब्लॉग या वेबसाईट की सफलता के लिये हमे एसईओ क्या है और एसईओ करने के सबसे आसान ट्रिक्स कौन से है इन्हे समझना होगा। क्योकि बिना एसईओ तकनीक का इस्तेमाल करे हम पहले पेज पर नहीं आ सकते है। 

एसईओ की सभी टेक्निक्स को सुनिश्चित करने के लिए आप भिन्न-भिन्न तरीके अपना सकते हैं, इसलिये एसईओ कैसे करे इसके लिए हम उन सभी तरीको पर एक एक करके विचार करेंगे। वैसे एसईओ यानिकि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के संदर्भ में दो सबसे महत्वपूर्ण तकनीक है, वो है ‘ऑफ-पेज एसईओ’, ‘ऑन-पेज एसईओ’ और ‘लोकल एसईओ’ जिनके द्वारा हम अपनी ब्लॉग वेबसाइट की गूगल में रैंक को बढ़ा सकते है।

एसईओ क्या है उसके प्रकार  

एसईओ क्या है इससे एक वेबसाईट को जब अच्छी तरह से डिज़ाइन किया जाता है तथा उसमे सभी एसईओ तकनीकियों का प्रयोग किया जा सके।जिससे सर्च इंजन को आपकी वेबसाईट को जल्दी और आसानी से रैंक करने में मदद मिलती है।

इसके साथ यह बात भी अधिक महत्वपूर्ण है, जो भी नया विजिटर आपकी साइट पर आये उसे एक अच्छा अनुभव प्राप्त हो और वह बार-बार आपकी वेबसाईट आने के लिए प्रोत्साहित हो। इसमें यह विचार बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि गूगल तेजी से उपयोगकर्ता के अनुभवो पर बड़ी बारीकी से ध्यान दे रहा है।

सर्च इंजन के द्वारा जो डाटा दिया जाता है उससे यह पता चलता है की आपकी वेबसाईट पर कितना ट्रैफ़िक जाता है, यह सारा डाटा प्रतिशत में होता है, और यही शायद हमे एसईओ के महत्व का सबसे स्पष्ट संकेत देता है।

2014 में, एक रिसर्च के अनुसार सभी वेबसाईट पर जो ट्रैफ़िक आता है उसका 64% आर्गेनिक सर्च से आता है, सोशल मिडिया से 2%, Paid सर्च से 6%, Direct 12% तथा अन्य रेफरल स्रोतों से 15% ट्रैफिक आता है। 

  • ऑन पेज एसईओ   

ऑन पेज एसईओ क्या है क्योंकि किसी भी ब्लॉग और वेबसाईट को गूगल से जल्दी रैंक कराने के लिये हमे ऑन पेज एसईओ की तकनीक को अच्छे तरीके से उपयोग करना होगा। इसके लिये हमे कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर ध्यान देना चाहिये।

एसईओ क्या है
एसईओ क्या है
  • एसईओ क्या है इसके लिए जरुरी है आपकी वेबसाईट की स्पीड अच्छी होनी चाहिए, कोई भी विज़िटर ज्यादा से ज्यादा 5 से 6 सेकंड तक ही वेबसाईट ओपन होने का वेट करता है।
  • आप अपने ब्लॉग या वेबसाईट के लिये केवल Simple और Attractive थीम का ही प्रयोग करें।
  • अपने ब्लॉग में इमेज का इस्तेमाल जरूर करे, इससे ब्लॉग आकर्षक लगता है, लेकिन इमेज का साईज़ कम-से-कम होना चाहिये।
  • वेबसाईट को इस प्रकार डिज़ाइन करे जिससे किसी भी विजिटर या गूगल को एक पेज से दूसरे पेज में जाने में कोई परेशानी ना हो।
  • आपकी वेबसाईट या ब्लॉग का टाईटल बहुत ही अच्छा होना चाहिए, जो विजिटर का ध्यान अपनी और खींचे तथा कोइ भी Visitor उसे पढ़कर आपके टाइटल पर Click कर दे, इससे आपकी वेबसाईट का CTR बढ़ जायेगा।
  • एसईओ के हिसाब से आपके ब्लॉग का Title Tag अधिक से अधिक 65 Word का होना चाहिये, क्योकि इससे अधिक शब्दों का टाईटल Google Search में Show नहीं होता।
  • अच्छे एसईओ Result के लिए अपने ब्लॉग का URL छोटा और Simple रखे, और उसमे Keywords का इस्तेमाल करे।
  • अपने ब्लॉग में सभी Post को एक दूसरे से Inter Link जरूर करे, जो विजिटर को आपकी वेबसाईट पर वयस्त रखता है।
  • ब्लॉग में प्रयोग होने वाली सभी इमेज में ALT TAG को अवश्य लगाये यह एसईओ के लिये बहुत जरुरी है, इससे ब्लॉग को रैंक होने में मदद मिलती है।
  • अपने ब्लॉग आर्टिकल में Keyword का इस्तेमाल जरूर करे, यह गूगल में जल्दी रैंक करने में मदद करता है। और ब्लॉग पोस्ट Google के Featured Snippets में भी आ सकती है। 
  • ऑफ-पेज एसईओ  

ऑफ पेज एसईओ का मतलब यहाँ पर आपके ब्लॉग के प्रमोशन से है। ऑफ पेज एसईओ क्या है इसमे हमे अपने ब्लॉग का प्रमोशन करना होता है।

  • आप किसी पॉपुलर ब्लॉग पर जाकर Comment कर सकते है और वहां अपनी ब्लॉग का लिंक सब्मिट करना, जिससे आपके वेबसाईट के लिये Backlink बनते है। 
  • आप अपने ब्लॉग के प्रमोशन के लिये सोशल साईट्स जैसे Facebook, Linkedin, Twitter, Tumblr और Quora का प्रयोग कर सकते है।
  • अपनी वेबसाइट को सही तरीके से सारे सर्च इंजन में सब्मिट कर सकते है।
  • अपने ब्लॉग या वेबसाईट को Bookmarking वाली वेबसाइट में जरूर सब्मिट करना चाहिए।
  • अपने ब्लॉग या वेबसाईट को पॉपुलर हाई PR वाली Directory में Submit करना चाहिए।
  • Free Classified Website में जाकर अपनी वेबसाइट का फ्री मे प्रमोशन करना चाहिए।
  • आप दूसरी पॉपुलर ब्लॉग पर जाकर अपनी Guest Post को डाल सकते हैं, जहाँ से आप Do-Follow Link बना सकते हैं।
  • लोकल एसईओ
अक्सर लोग पूछते यह हैं कि लोकल एसईओ क्या है? इसका उत्तर इसके प्रश्न में ही समाया है।
  • यदि आप लोकल एसईओ करते हैं तो यह दो शब्दों लोकल + एसईओ का योग है। यानी लोकल ऑडियंस को ध्यान में रखकर किया गया एसईओ, लोकल एसईओ कहलाता है।
  • यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें आपकी वेबसाइट या ब्लॉग को विशेष रूप से अनुकूलित किया जाता है ताकि यह लोकल विज़िटर के लिए सर्च इंजन पर बेहतर रैंक कर सके।
  • वैसे तो एक वेबसाइट की मदद से आप पूरे इंटरनेट को टारगेट कर सकते हैं, वहीं अगर आप सिर्फ एक खास लोकेलिटी को टारगेट करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लोकल एसईओ क्या है इसे समझकर इसका इस्तेमाल करना होगा।
  • इसमें आपको अपने शहर के नाम को Optimize करना होगा, वहीं इसके Address Details को भी एक साथ Optimize करना होगा। जबकि संक्षेप में कहें तो आपको अपनी साइट को इस तरह से Optimize करना होगा कि लोग आपको न केवल ऑनलाइन बल्कि ऑफलाइन भी जान सकें।

लोकल एसईओ का उदाहरण

यदि आपका कोई लोकल बिजनेस है, जैसे कि एक दुकान, जहाँ लोग अक्सर आपके पास आते हैं, तो यदि आप अपनी वेबसाइट को इस तरह से अनुकूलित करते हैं कि लोग वास्तविक जीवन में भी आप तक आसानी से पहुँच सकें।

एसईओ क्या है
एसईओ क्या है

यदि यहाँ आप केवल अपने खुद के स्थानीय क्षेत्र को Target करते हैं और उसी के अनुसार एसईओ ने अपनी साइट को डिज़ाइन किया है। लोकल एसईओ क्या है इस प्रकार से “लोकल एसईओ” को समझ गये होंगे।

आप हमारे इन आर्टिकल्स को भी देख सकते है 

एसईओ कॉमपोनेन्टस क्या है 

अगर आपके पास ब्लॉग या वेबसाइट है तो आपको बेसिक एसईओ (सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन) के बारे में बहुत कुछ पता होगा कि यह कैसे काम करता है। लेकिन मुझे पता है कि आप में से बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें बेसिक एसईओ क्या है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

इसलिए हम आप लोगों को कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण एसईओ टर्म्स की जानकारी दे रहे है ताकि आप भी इसके बारे में जान सकें।

Backlinks: इन्हे inlink या simplylink भी कहा जाता है, यह किसी अन्य वेबसाइट का हाइपरलिंक होता है जो आपकी वेबसाइट की ओर इशारा करता है। एसईओ की दृष्टि से Backlinks बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह किसी भी वेबपेज की Search Ranking को सीधे तौर पर प्रभावित करता है।

Page Rank: Google PageRank, एसईओ क्या है उसमे Google का एक एल्गोरिथम है एक बड़ा फैक्टर है, जिसका उपयोग Google यह अनुमान लगाने के लिए करता है कि वेब में कौन से संबंधित महत्वपूर्ण पृष्ठ स्थित हैं।

Anchor Text: किसी भी बैकलिंक का एंकर टेक्स्ट टाइप टेक्स्ट होता है जो क्लिक करने योग्य होता है। अगर आपके एंकर टेक्स्ट में आपका कीवर्ड महजूद है तो यह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की दृष्टि से भी आपकी काफी मदद करेगा।

Title Tag: Title टैग मुख्य रूप से किसी भी वेब पेज का Title है और यह Google के खोज एल्गोरिदम के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है।

एसईओ क्या है
एसईओ क्या है

Meta Tag: Title टैग की तरह, Meta टैग का उपयोग करके, Search Engine को इससे पता चलता है कि पृष्ठों में कंटेंट में क्या है।

Search Algorithm: Google  के सर्च एल्गोरिथम से हमे यह पता लगाने में मदद मिलती हैं कि कौन से वेब पेज पूरे इंटरनेट में Relevant हैं। Google के Search Algorithm में करीब 200 एल्गोरिदम काम करते हैं।

SERP: इसका फुल फॉर्म Search Engine Results Page है। यह मूल रूप से केवल उन्हीं पृष्ठों को दिखाता है जो Google खोज इंजन के अनुसार प्रासंगिक हैं।

Keyword Density: यह Keyword Density यह दिखाता है कि लेख में किसी भी कीवर्ड का कितनी बार उपयोग किया गया है। एसईओ की दृष्टि से कीवर्ड डेंसिटी बहुत महत्वपूर्ण है।

Keyword Stuffing: जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूँ कि एसईओ क्या है उसकी दृष्टि से Keyword Density बहुत जरुरी है लेकिन अगर कोई कीवर्ड जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है तो उसे Keyword Stuffing कहते हैं। इसे Negative एसईओ कहा जाता है क्योंकि इससे आपके ब्लॉग पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

Robots.txt: यह सिर्फ एक फाइल से ज्यादा कुछ नहीं है जिसे डोमेन के रूट में रखा जाता है। इसके इस्तेमाल से सर्च बॉट्स को वेबसाइट के स्ट्रक्चर के बारे में बताया जाता है।

एसईओ काम कैसे करता है

एसईओ क्या है और इसकी सबसे आसान Tricks कौन सी है? इससे सम्बंधित जानकारी आपको इस लेख द्वारा पता चल गई होगी। अब हम यह समझने का प्रयास करेंगे एसईओ काम कैसे करता है? इसे जानने के लिए हमें यह समझना जरुरी है की सर्च इंजन किस प्रकार किसी आर्टिकल को SERP में सबसे ऊपर दिखाता है। 

गूगल और दूसरे सभी सर्च इंजन इस तरह से डिज़ाइन होते है, की वह अपने विजिटर को सही और सटीक जानकारी प्रदान करे। इस प्रोसेस में वह सर्च इंजन उस जानकारी से सम्बन्धित सभी वेबसाईट को खोजता है और फिर अपने Algorithm की मदद से Quality और Credibility के आधार पर सभी वेबसाईट को रैंकिंग प्रदान करता है।

इसीलिये एसईओ क्या है उसकी तकनिकी के द्वारा हमारा यही प्रयास होता है, की हम अपनी वेबसाइट की Quality और उसकी Credibility को लगातार Improve कर सकें।

अंत में
  

हमनें इस लेख के माध्यम से आपको “एसईओ क्या है” के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने प्रयास किया गया है, हमे पूरी उम्मीद है यह जानकारी आपके लिये काफी उपयोगी साबित होगी। 

यदि इस आर्टिकल से सम्बन्धित आपके पास कोई सुझाव हो तो कमेंट बाक्स के माध्यम से आप उसे हम तक पंहुचा सकते है। आप इस जानकारी को अपने दोस्तों और सोशल मिडिया पर जरूर शेयर करे। आपका धन्यवाद!

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