इंटरनेट क्या है? – इसकी सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में।

0
1401
इंटरनेट क्या है

अगर आप Internet के बारे में जानना चाहते है तो यह यह एक सबसे Basic Question होगा, इंटरनेट क्या है? आज इंटरनेट सबसे महत्वपूर्ण उपकरण और प्रमुख संसाधन बन चूका है जिसका उपयोग दुनिया भर में लगभग हर व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। आज यह लाखों कंप्यूटर, वेबपेज, वेबसाइट और सर्वर को एक दूसरे से जोड़ता है। 

हम Internet का उपयोग अपने प्रियजनों को Email, Images, Video, Messages भेजने के लिए करते हैं। या अगर दूसरे शब्दों में, इंटरनेट क्या है तो यह Computer और Electronic Devices (जो Internet को Support करता है) का एक Interconnected Network है।

इंटरनेट क्या है?

आज Internet ऑनलाइन जानकारी को साझा करने और उसे प्राप्त करने का एक सबसे बड़ा और व्यापक संचार माध्यम है। यदि आपका डिवाइस इंटरनेट से जुड़ा है तो आप आसानी से सभी Application, Website, Social Media App और ऐसी कई अन्य सेवाओं तक पहुंच सकते है।

वास्तव में इंटरनेट क्या है, यह आज सूचना भेजने और प्राप्त करने का सबसे तेज माध्यम माना जाता है। Internet को Use करने वालो की सख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इंटरनेट क्या है इसे बारीकी से समझते है? 

What is Internet in Hindi?  

इंटरनेट क्या है यह एक सिस्टम आर्किटेक्चर है, जिसने दुनिया भर के विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क को आपस में जोड़कर Communication और E-Commerce के तरीकों में क्रांति ला दी है। वैसे इंटरनेट का Full Form “Interconnected Network” है, लेकिन Internet को कभी-कभी “Network of Networks” के रूप में भी संदर्भित किया जाता है। 

इंटरनेट क्या है

इंटरनेट की शुरुवात 1970 के दशक में United States से हुई लेकिन यह 1990 के दशक की शुरुआत तक आम जनता के लिए इस्तेमाल में नहीं आया था। परंतु आज लगभग 4.5 बिलियन लोगों, या कहे दुनिया की आधी से अधिक आबादी की Internet तक पहुंच है। इसलिए इंटरनेट क्या है इसकी ताकत इसी से पता चलती है।  

इंटरनेट इतनी शक्तिशाली और सामान्य क्षमता को प्रदान करता है कि इसका उपयोग लगभग किसी भी उद्देश्य की पूर्ति के लिए किया जा सकता है मुख्यत जो सूचना पर निर्भर हो। Internet प्रत्येक व्यक्ति द्वारा Access किया जा सकता है। 

इंटरनेट की परिभाषा

इंटरनेट एक ग्लोबल एरिया नेटवर्क है जो दुनिया के सभी कंप्युटरों को आपस में कनेक्ट करता है। इंटरनेट सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मेल (ई-मेल), “चैट रूम,” समाचार समूहों और ऑडियो वीडियो के प्रसारण को सरल बनाता है। Internet कई लोगों को अलग-अलग स्थानों से एक Combined Group के रूप से काम करने की अनुमति देता है।

इंटरनेट अपने Decentralization Process के लिए जाना जाता है, यानिकि कोई भी Internet का मालिक नहीं है ना ही कोई इसे पूर्ण रूप से नियंत्रित कर करता है। आज दुनियाँ भर के हजारों विभिन्न संगठन अपने स्वयं के इंटरनेट को संचालित करते हैं और अपने अनुसार उसके Interconnection Process को Design करते हैं। उम्मीद है आप इंटरनेट क्या है और इंटरनेट की परिभाषा दोनों समझ गये होंगे।

इंटरनेट का पुराना नाम क्या है

इंटरनेट का पुराना नाम ARPANET (Advanced Research Projects Agency Network) है, इसकी शुरुवात 1969 में हुई थी। जिसे हम अब इंटरनेट के रूप में जानते हैं।

इंटरनेट का फुल फॉर्म

इंटरनेट का फूल फॉर्म “इंटरकनेक्टेड नेटवर्क” है जो दुनिया भर के सभी वेब सर्वरों का एक संक्षिप्त कनेक्टेड रूप है। इसे वर्ल्ड वाइड वेब या केवल वेब भी कहते है। इस नेटवर्क के द्वारा दुनिया भर के लगभग सभी निजी और सार्वजनिक संगठन, स्कूल और कॉलेज, अनुसंधान केंद्र और अस्पताल के सर्वर कनेक्ट हैं। 

इंटरनेट की खोज किसने की  

इंटरनेट किसे कहते है इसे जानने के बाद अब जानते है की इंटरनेट की खोज किसने की। Internet की शुरुवात ARPANET के रूप में हुई थी, यह एक Academic Research Network था, जिसे सेना की Advanced Research Project Agency (ARPA, जो अब DARPA है) के द्वारा वित्तीय सहयता से शरू किया गया था।

इस Project का नेतृत्व ARPA Administrator बॉब टेलर ने किया था, जिसमे उनके सहयोगी नेटवर्क बोल्ट, बेरानेक और न्यूमैन भी शामिल थे। इस Project की शुरुवात 1969 में हुई थी।

इंटरनेट क्या है

1973 में, सॉफ्टवेयर इंजीनियर विंट सेर्फ़ और बॉब कान ने ARPANET के लिए Networking Standard की Next Generation पर काम करना शुरू किया। इस Standard को TCP/IP के नाम से जाना जाता है, आज यह Advanced Internet की नींव बन गया है। ARPANET ने 1 जनवरी, 1983 को TCP/IP का उपयोग करना शुरू कर दिया था।

आप हमारे इन आर्टिकलस को भी देख सकते है

इसके बाद 1980 के दशक के दौरान, इंटरनेट के लिए उपयोग होने वाला धन सेना से National Science Foundation में ट्रांसफर कर दिया गया। NSF ने 1981 से 1994 तक इंटरनेट को विकसित करने के लिए Financial Aid प्रोवाइड की, ताकि वह अपनी लम्बी यात्रा के लिए तैयार हो सके। 1994 में, क्लिंटन प्रशासन ने Internet पर नियंत्रण को Private Domain में बदल दिया। तभी से Internet आज Private Agencies के द्वारा Funded और संचालित किया जा रहा है।

इंटरनेट का इतिहास हिंदी में

इंटरनेट की शुरुआत 1960 के दशक में पैकेट स्विचिंग के रूप में किए जाने वाले शोध के साथ से हुई थी। पैकेट स्विचिंग को हार्डवेयर समस्या के समाधान, यानी सर्किटरी की तुलना में डेटा ट्रांसफर करने के लिए एक बेहतर और तेज़ तरीका माना गया था। यूनाइटेड स्टेट्स मिलिट्री ने ARPANET के विकास के लिए पैकेट स्विचिंग तकनीक का इस्तेमाल किया था।

ARPANET को “इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर” यनिकी मौजूदा ​​इंटरनेट का पहला नाम माना जाता है। जिसका इस्तेमाल सेना के बीच गोपनीय डेटा ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था। इसके बाद इस डेटा-शेयरिंग तकनीक को संयुक्त राज्य अमेरिका में शैक्षणिक संस्थानों के लिए खोली गया। इसके बाद Com Internet सर्विस प्रोवाईडर 1980 के दशक के अंत तक उभरने लगे और 1995 तक अमेरिका में Internet का पूरी तरह से व्यावसायीकरण हो गया।

इंटरनेट कैसे काम करता है? 

इंटरनेट क्लाइंट और सर्वर की सहायता से कार्य करता है। जहाँ Laptop एक Client है और Server वो Computers है जिन पर सभी Websites का डाटा स्टोर होता है यहाँ Laptop उन Server Computers से इंटरनेट के द्वारा Indirect रूप से जुड़ा हुआ होता है। ये सर्वर ISP (Internet Service Providers) की मदद से Internet से जुड़े होते हैं और इन्हें IP Address से पहचाना जाता है। 

Internet पर मौजूद प्रत्येक वेबसाइट का अपना एक Domain Name होता है। इसलिए, जब भी आप Web Browser के सर्च बार में किसी Domain Name को Type करते हैं तो उस समय सर्वर को एक Signal जाता है तब सर्वर डोमेन नाम का IP Address पता करता है।

IP Address प्राप्त करने के बाद सर्वर अपनी एक विशाल Phone Directory से डोमेन नाम के IP Address को खोजने का प्रयास करता है जिसे नेटवर्किंग की भाषा में DNS सर्वर (Domain Name Server) के रूप में जाना जाता है।

इंटरनेट क्या है

IP Address को प्राप्त करने के बाद ब्राउज़र से सर्वर को जो Signal मिलता है तब Server उसके आधार पर Website और उससे सम्बंधित जानकारियों को प्रदर्शित करता है, जो ग्राहक चाहता है। यदि आप Internet के Wireless Devices जैसे 3G और 4G या कोई अन्य मोबाइल डेटा का उपयोग कर रहे हैं, तो उस स्थिति में Data पहले Optical Cables से पहले टावर तक पहुंचता है और फिर वहाँ से सिग्नल आपके सेल फोन और PC तक Electromagnetic Waves के माध्यम से पहुंचते है।

लेकिन यदि आप Router का उपयोग कर रहे हैं तो आपके Router से कनेक्ट होने वाला Optical Fiber उन प्रकाश-प्रेरित संकेतों (Light-Induced Signals) को Electrical Signals से जोड़ने में मदद करता है और फिर Ethernet Cables की मदद से Internet आपके कंप्यूटर तक पहुंच जाता है।

इंटरनेट कैसे स्थापित किया जाता है? 

इंटरनेट Physical Optical Fiber Data Transmission Cables या तांबे के तारों और विभिन्न अन्य Networking Devices जैसे LAN, WAN, MAN, आदि की मदद से स्थापित किया जाता है। Internet तक पहुँचने के लिए 2G, 3G, और 4G सेवाओं, Wi-Fi और Physical Cable Setup की आवश्यकता होती है।

इंटरनेट से सम्बंधित आधिकारिक संस्था ICANN (Internet Corporation for Assigned Names and Numbers) संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित है जो IP Address, इंटरनेट और उससे संबंधित सभी Protocol का प्रबंधन करती है।

इंटरनेट के प्रकार  

इंटरनेट के प्रकार, आज ऐसे कई Electronic Devices उपलब्ध हैं जिनके द्वारा आप इंटरनेट से जुड़ सकते है। ये सभी Devices अलग-अलग हार्डवेयर का उपयोग करते हैं और इनके प्रोवाइड इंटरनेट सेवा की एक सिमित Speed होती है।

जैसे-जैसे तकनीक बदल रही उसकी जरूरतों को संभालने के लिए आज Fast Internet Connection की आवश्यकता है। इसलिए यहाँ कुछ विभिन्न प्रकार के Requirements of Internet Connections के बारे में बताया जा रहा है जो घरेलू और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपलब्ध हैं।

  1. Dial Up Internet (Analog 56K)
  2. Digital Subscriber Line (DSL) Internet 
  3. Cable Internet
  4. Satellite Internet 
  5. Wireless Hotspot/Wi-Fi Internet
  6. Cellular/Phone SIM Internet (2G/3G/4G) 

आइये इन्हें विस्तार से समझते है;- 

Dial Up Internet (Analog 56K) 

Dial-Up Internet सस्ता लेकिन धीमा होता है। इसमें एक कंप्यूटर द्वारा फ़ोन नंबर डायल करने के बाद यह मोडेम के द्वारा इंटरनेट से जुड़ जाता है। यहाँ मोडेम एनालॉग सिग्नल को डिजिटल में परिवर्तित करके एक Public Telephone Network के द्वारा Land Line Service को भेज देता है। टेलीफोन लाइनों में होते नियमित बदलाव के कारण इंटरनेट की Speed प्रभावित होती है, जो 28K से 56K तक ही पहुंच पाती है।

Digital Subscriber Line (DSL) Internet 

DSL एक Wires के द्वारा Data को Transmit करने वाला Broadband का ही रूप है। यह Transmission के लिए Phone Lines और Optical Fiber Cables का उपयोग करता है। यह सेवा आपके फोन/लैंडलाइन के माध्यम से Provide की जाती है। इस सेवा के लिए आपको Broadband Service Company की सदस्यता लेनी होती है और इसका मासिक शुल्क भुगतान करना होता है।

Cable Internet 

Cable Internet के लिए Local Cable Company आपकी Internet सेवा को आपके फोन लाइन के बजाय केबल के माध्यम से प्रदान करती है। यह एक अन्य प्रकार की Broadband Service है, जो अपेक्षाकृत तेज़ होती है।

Satellite Internet

कुछ क्षेत्रों में, Internet को पहुँचाने के लिए सेटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर ही एकमात्र विकल्प होता है। इसके लिए आवश्यक है कि आपको अपने क्षेत्र में इंटरनेट को प्राप्त करने के लिए एक Satellite Dish को स्थापित करना होता है। भारत में सेटेलाइट इंटरनेट कनेक्शन के लिए Airtel, OneWeb, SpaceX technologies और Hughes प्रमुख सेटेलाइट इंटरनेट प्रोवाइडर हैं।

इंटरनेट क्या है

Wireless Hotspot/Wi-Fi Internet 

Wireless Hotspot और Wi-Fi Internet दोनों ही इंटरनेट के वायरलेस कनेक्शन हैं। यहाँ Internet सेवा को प्रदान करने के लिए Wire और Cable की आवश्यकता नहीं होती है। यह आज की सबसे सामान्य प्रकार की इंटरनेट सेवा है। 

Cellular/Phone SIM Internet (2G/3G/4G)

आज स्मार्टफोन आपको इंटरनेट से कनेक्ट करने का विकल्प देता है। आप अपने फ़ोन के 3G, 4G या 5G नेटवर्क के माध्यम से Internet तक आसानी से पहुँच प्राप्त कर सकते हैं। कुछ Tablet जिनमें मोबाइल सिम कार्ड पोर्ट होता है, उनके द्वारा भी 3G, 4G Internet तक पहुंच सकते है। इसके लिए आप Add-On Devices प्रयोग कर सकते हैं जो Computers को सेल फोन नेटवर्क के साथ कनेक्ट करता हैं।

आप हमारे इन आर्टिकलस को भी देख सकते है

इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) 

Internet Service Provider जो आपके डिवाइस से कनेक्ट होकर इंटरनेट को पंहुचाते हैं। इनमें Laptop, मोबाइल फोन, कंप्यूटर और Tab आदि शामिल हैं। यह सभी उपकरण ISP के माध्यम से Internet तक पहुंचने में सक्षम है।ISP के बिना कोई भी डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट नहीं हो सकता है। इसलिए ISP का चयन करते समय, यह सुनिश्चित करें कि ISP आपकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करती हो, इसके लिए इन बातों पर जरूर विचार करें।

  1. इंटरनेट सेवा किस प्रकार की है 
  2. Internet की स्पीड कितनी है 
  3. इंटरनेट का मासिक शुल्क
  4. Internet सेवाओं की Quality 
  5. कितने Users उस इंटरनेट कनेक्शन से जुड़े हुऐ है 
  6. Bandwidth की क्षमता कितनी है 

इंटरनेट के उपयोग   

इंटरनेट आज एक Global Networking System बन चूका है, जिसका उपयोग आजकल अधिकांश सभी उपकरणों पर किया जा सकता है। आज के इस तकनीकी युग में ज्यादातर कंपनियां Internet के जरिए ही अपना काम-काज करवा रही हैं। आज Internet के कई उपयोग हैं जिसके द्वारा कंपनियां और व्यक्ति दोनों कार्यों को अधिक Productive और अधिक Smart बना सकते हैं।

यहां, हम Internet के उपयोग बता रहे है जो दैनिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

  1. Online Booking और Orders करना 
  2. Cashless Transactions करना 
  3. Education के क्षेत्र में (Online Classes) 
  4. Online Banking सेवाएं और Trading करना 
  5. किसी विषय पर Research करना  
  6. Electronic Mail के द्वारा जानकारी भेजना 
  7. Job Search करना 
  8. Social Networking 
  9. Entertainment, ऑनलाइन सीरियल और फिल्में देखना 

इंटरनेट क्या है pdf

इंटरनेट से संबंधित सभी जानकारी अगर आप PDF में चाहते है तो आप यहा दिये गये लिंक इंटरनेट क्या है pdf से डाउनलोड कर सकते है

इंटरनेट और इंट्रानेट में अंतर् क्या है? 

आमतौर पर ज्यादातर लोग Internet Vs Intranet Vs Extranet को लेकर भ्रमित रहते हैं। जबकि इन्हें अलग करने के लिए बहुत सारे तथ्य मौजूद हैं। सबसे पहले Internet Vs Intranet को समझते है:- 

Internet:- Internet का उपयोग कंप्यूटर के विभिन्न नेटवर्क को एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है। यह एक Public नेटवर्क है इसलिए कोई भी Internet का उपयोग कर सकता है। Internet में एक साथ कई Users होते है और यह अपने Users को असीमित संख्या में जानकारी प्रदान करता है।

Intranet:- Intranet भी Internet का ही एक प्रकार है लेकिन इसका उपयोग निजी तौर पर किया जाता है। यह एक Private Network है इसलिए कोई भी Intranet का उपयोग नहीं कर सकता है। Intranet में, सीमित संख्या में Users होते हैं और यह अपने Users को सीमित संख्या में ही जानकारी प्रदान करता है।

अब, हम Internet और Intranet के बीच अंतर देखेंगे:

 Internet 

Intranet  

Internet में विभिन्न नेटवर्क के Computers को एक साथ जोड़ा जाता है 

Intranet को एक Private Firm  द्वारा Operate जाता है 

Internet पर एक साथ कई Users काम कर सकते है  

Intranet पर Users की संख्या Limited होती है 

Internet को असुरक्षित माना जाता है 

Intranet को सुरक्षित माना जाता है  

Internet पर Visitors की संख्या बहुत अधिक होती है 

Intranet पर Visitors की संख्या कम होती है  

Internet एक Public Network है 

Intranet एक Private Network है  

Internet को कोई भी एक्सेस कर सकता है 

Intranet को हर कोई एक्सेस नहीं कर सकता है  

Internet पर असीमित जानकारी उपलब्ध होती है 

Intranet पर सीमित जानकारी उपलब्ध होती है  

एक्स्ट्रानेट क्या है? 

विचार करने के लिए यह भी एक प्रकार का ‘नेट’ ही है, लेकिन यह Enterprises और उसके External Users से ही संबंधित होता है:
 
Extranet एक वेब पोर्टल है जो किसी Organization और उसके External Buyers, पार्टनर्स, ग्राहकों, या किसी अन्य User के द्वारा ही एक्सेस किया जा सकता है, इसमें मौजूद प्रतिबंधित जानकारी तक पहुंच केवल उसके Users ही कर सकते है।
 
Extranet को होस्ट करने वाली आर्गेनाइजेशन ही इसका Site Management, Content और एक्सेस को कंट्रोल करती है और वो ही बाहरी व आंतरिक लोगो की इसकी Limited Access प्रोवाइड करती है। Extranet के उदाहरण के लिए आप Vendor Portal, Customer Community या एक फ्रैंचाइज़ी नेटवर्क को शामिल कर सकते हैं। 

वर्ल्ड वाइड वेब क्या है 

इंटरनेट और WWW का वर्णन कैसे करे, World Wide Web – जिसे आमतौर पर WWW, W3 या वेब के रूप में भी जाना जाता है – यह Internet के माध्यम से आसानी से एक्सेस होने वाले Public Webpages की एक इंटरकनेक्टेड प्रणाली है। Web इंटरनेट के समान नहीं है लेकिन यह Internet के निर्माण में प्रयोग होने वाली Applications में से सबसे महत्वपूर्ण है।
 
World Wide Web का आर्किटेक्चर टिम बर्नर्स-ली को ही माना जाता है उन्होंने ही सबसे पहले इसका प्रस्ताव रखा। इन्होंने 1990 में CERN Physics Research Lab में अपने कंप्यूटर पर पहला वेब सर्वर, वेब ब्राउज़र और वेबपेज बनाया था। 1991 में, इन्होंने Alt.Hypertext समाचार समूह में अपनी इस Research की घोषणा की, यही वो क्षण था जब वेब को पहली बार सार्वजनिक किया गया था। 

भारत में इंटरनेट की शरुवात कब हुई

वैसे वैश्विक पटल पर इंटरनेट की उत्पत्ति 1960 के दशक में हो गई थी, लेकिन भारत में 1986 में जब Educational Research Network (ERNET) – Department of Electronics (DOE) और United Nations Development Program (UNDP) का एक संयुक्त उपक्रम – लॉन्च किया गया। उस समय तक Internet केवल शैक्षिक और अनुसंधान के उपयोग के लिए ही था।
 
लेकिन 15 अगस्त, 1995 को विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) – जिसे अब टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड के नाम से जाना जाता है, ने पहली बार Cyber Space को जनता के लिए खोल दिया गया था, तब Modem का उपयोग करके Internet को चलाया जाता था। 

इंटरनेट के लाभ और हानि 

इंटरनेट आज हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चूका है आज शायद हमारे लिए इसके बिना कल्पना करना भी मुश्किल है। लेकिन हर चीज के कुछ लाभ और हानि भी होते है:-
  • इंटरनेट के लाभ
1.) घर बैठे ऑनलाइन बिल जमा करना 
2.) ईमेल और सन्देश भेजना 
3.) ऑफिस का काम घर बैठे करना 
4.) ऑनलाइन शॉपिंग करना 
5.) ऑनलाइन वयापार करना 
6.) समाचार और फिल्मे देखना 
  • इंटरनेट से हानि 
1.) समय की बर्बादी 
2.) इंटरनेट महगा होता है 
3.) इंटरनेट पर उपलब्ध अश्लील सामग्री 
4.) हैकिंग की समस्या 
  

अंत में 

इस लेख के माध्यम से हमने आपको “इंटरनेट क्या है?” के बारे में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया है, हमें पूरी उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगी। अगर आपके पास कोई सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स के जरिए हम तक पहुंच सकते हैं। हम उसे अपने लेख में प्रकाशित करेगे। आप इस जानकारी को अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें। धन्यवाद!
Read More