शेयर मार्केट क्या होता है, इसकी पूरी जानकारी हिंदी में।

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शेयर मार्केट क्या होता है
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हम अक्सर शेयर मार्केट ऊपर है या शेयर मार्केट नीचे है ऐसे शब्दों को सुनते है। लेकिन हममें से कितने लोग जानते हैं कि इनका वास्तव में शेयर मार्केट क्या होता है, लेकिन कई लोगों को इसके बारे में या तो बहुत कम या कोई निश्चित जानकारी नहीं है।

शेयर मार्केट क्या होता है इसके बारे में हमे कभी-कभी गलत और भ्रामक जानकारी होती है। क्योंकि हमारे स्कूल और कॉलेज में हमें निवेश और वित्तीय योजना के बारे में नहीं सिखाते हैं। लेकिन एक बार जब आप इन सब भ्रामक और गलत जानकारियों की दुनिया से बाहर आ जाते हैं तब आपकी इसकी वास्तविकता समझ में आती है।

शेयर मार्केट क्या होता है इसके प्रमुख बिंदु

  • एक कंपनी की असेट्स को बनाए रखने, बढ़ने और उसके विस्तार में धन जुटाने के लिए शेयरों में विभाजित किया जाता है।
  • लोग इस उम्मीद में किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं कि कारोबार की बढ़ोतरी से उसके शेयरों में वृद्धि होगी।
  • कंपनी के शेयरों को इक्विटी और वरीयता शेयरों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

शेयर मार्केट क्या होता है

शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां किसी कंपनी के शेयर/स्टॉक बेचे या खरीदे जाते हैं। हालाँकि शेयर मार्केट में केवल शेयर का ही नहीं, बल्कि बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट का कारोबार भी होता है। शेयर मार्केट को प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है – प्राथमिक और द्वितीयक शेयर मार्केट।

जब कोई कंपनी अपने शेयरों के जरिये धन जुटाने के लिए पहली बार अपने को शेयर मार्केट में पंजीकरण कराती है, तो वह प्राथमिक शेयर मार्केट में प्रवेश करती है। इसे वित्तीय भाषा में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है, जिसके बाद कंपनी सार्वजनिक हो जाती है और सार्वजनिक रूप से व्यापार करती है।

शेयर मार्केट क्या होता है
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द्वितीयक शेयर मार्केट वह बाजार है जहां पहले से सूचीबद्ध कंपनियां अपने जारी किए गये शेयरों का व्यापार/बिक्री करती हैं। यही वह स्थान है जहा से एक निवेशक द्वितीयक बाजार में अपने मौजूदा मूल्य के आधार पर पर शेयर को खरीदता है। इसी मार्केट से एक निवेशक अपने सभी शेयर बेचकर बाजार से बाहर निकल सकता है।

शेयर मार्केट के प्रकार और इसकी अस्पष्टताएँ

शेयर मार्केट में शेयरों को इक्विटी और वरीयता शेयरों में वर्गीकृत किया जा सकता है। जिनकी शक्तियों भिन्न-भिन्न होती हैं:

  • इक्विटी शेयर सभी निवेशको को कंपनी में प्रॉफ़िट शेयर के साथ-साथ कंपनी की वार्षिक आम बैठक में अपना वोट देने की शक्ति देता हैं। ऐसे शेयर धारक कंपनी के मुनाफे मे साझे के साथ कंपनी के नुकसान को भी वहन करते है।
  • वरीयता शेयर में केवल एक निश्चित राशि – लाभांश, कंपनी की कमाई होती हैं लेकिन इसमे धारकों को वोट करने की शक्ति नहीं होती।
  • शेयर, स्टॉक और इक्विटी जैसे शब्दों में कई अस्पष्टताएं हैं। इनका जिस संदर्भ में उपयोग किया जाता है, उनमे बहुत अंतर नहीं है। जहा स्टॉक सामान्य रूप कंपनी के स्वामित्व प्रमाण पत्र को दर्शाता है, वही शेयर किसी विशेष कंपनी को दर्शाता है।
  • इक्विटी, किसी कंपनी में उसको विभिन्न रूपों में दर्शाती है जैसे निजी इक्विटी होल्ड पर रखे गए स्टॉक / शेयरों को संदर्भित करता है।

भारतीय शेयर मार्केट क्या होता है उसका परिचय

जब हम वैश्विक निवेश के अवसरों और मार्केट कैप की बात करते है तो भारतीय शेयर मार्केट सबसे अच्छा प्लेटफॉर्म है ऐसा तो नहीं कहा जा सकता है, लेकिन विकास के संदर्भ में यह जिस क्षमता को प्रस्तुत करता है वह बहुत विशाल है। भारतीय शेयर मार्केट में निवेश करना एक बुरा विचार नहीं हो सकता है बशर्ते आप इसे स्मार्ट तरीके से करें।

शेयर मार्केट क्या होता है
शेयर मार्केट क्या होता है

भारतीय शेयर मार्केट क्या होता है इसके लिए आपको दो सबसे बुनियादी शब्दों से परिचित होने की जरूरत है, वे बीएसई और एनएसई हैं। स्टॉक मार्केट में जो भी शेयर ट्रेडिंग होती है वह इन दो स्टॉक एक्सचेंजों – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में होती है।

वैसे स्टॉक एक्सचेंज बाजार में ये दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं, इन दोनों में एक समान प्रक्रिया और व्यापारिक तंत्र का उपयोग किया जाता हैं। भारत की लगभग सभी महत्वपूर्ण बिजनस हाउस इन दोनों एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं। NSE में स्पॉट ट्रेडिंग प्रमुख से होती है और डेरिवेटिव ट्रेडिंग में इसका लगभग एकाधिकार है।

इन दोनों के अतिरिक्त भारतीय शेयर मार्केट में MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड) और NCDEX (नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज) भी दो प्रमुख कमोडिटी एक्सचेंज हैं। भारतीय शेयर मार्केट क्या होता है यह उसकी एक रूपरेखा है।  

शेयर मार्केट कैसे काम करता है

कई लोगों शेयर मार्केट को एक डरावनी और जटिल इकाई की तरह प्रस्तुत करते है जिसे आसानी से समझा नहीं जा सकता। लेकिन शेयर मार्केट क्या होता है उसका बुनियादी ज्ञान इस धारणा को बदल सकता हैं। कंपनियां फंड जुटाने के लिए प्राथमिक और द्वितीयक बाजार में खुद को सूचीबद्ध करती हैं। जहा उन्हे अपने कारोबार, वित्तीय स्थिति और जारी किए जा रहे शेयरों (आईपीओ) के बारे में पूरा ब्योरा देना होता है।

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जब एक बार कंपनी सूचीबद्ध हो जाती है तो जारी किए गए शेयरों के द्वारा प्राथमिक और द्वितीयक बाजार में कारोबार कर सकती है। इन्ही बाजारों में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग होती है, जहा खरीदार और विक्रेता लाभ कमाने के लिए लेन-देन करने इकट्ठा होते हैं। इन हजारों निवेशक की कवरेज को बढ़ाने के लिए यहा स्टॉक ब्रोकर होते हैं। 

ये सभी स्टॉक ब्रोकर बिचौलियों के रूप में कार्य करते हैं। जो निवेशक की और से एक्सचेंज को ऑर्डर भेजते हैं। जब एक्सचेंज को एक विक्रेता मिल जाता है, तो वे उस ब्रोकर को उसकी करके पुष्टि वापस भेज देते है और ब्रोकर अंत में निवेशक के अकाउंट में डेबिट/क्रेडिट कर देता है।

जैसे जैसे शेयर की कीमतें बदलती हैं, उसी के हिसाब से व्यापार होता है। शेयरों की कीमतें भी अन्य सामान की तरह अनुमानित मूल्य पर निर्भर होती हैं। यह स्टॉक की मांग बढ़ने या गिरने से बदलती होता है। जैसे-जैसे स्टॉक की मांग बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे खरीदारी के ऑर्डर भी बढ़ते जाते हैं। जिससे शेयर की कीमत बढ़ती जाती है।

शेयर मार्केट क्या होता है – इसे हम इन चरणों के द्वारा समझ सकते है:

  • एक आदेश दिया जाता है।
  • ब्रोकर ऑर्डर डिटेल्स को एक्सचेंज में भेजता है।
  • एक्सचेंज उस विक्रेता की पुष्टि के लिए देखता है।
  • एक्सचेंज ब्रोकर को आदेश की पुष्टि करता है।
  • ट्रेडिंग होती है – पैसे का आदान-प्रदान होता है।

यह सारा प्रोसेस लगभग फ्लिपकार्ट पर ऑर्डर देने जैसा लगता है। शेयर मार्केट क्या होता है, यह उसकी एक मूल प्रक्रिया है। शेयर मार्केट आपको पहली बार में एक जटिल प्रक्रिया की तरह लग सकता है। हालांकि, यह समझना आवश्यक है कि शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता है। लेकिन जब आप जान जाते है तो आपको शेयर मार्केट में निवेश करना कम जोखिम भरा लग सकता है।

अंत में निष्कर्ष 

जब कोई कंपनी अपनी पूंजी को शेयरों में विभाजित करती है फंड जुटाने के लिए इन शेयर को बेचा या कारोबार किया जाता है। इक्विटी शेयर में निवेशक को वोटिंग पावर के साथ कंपनी के लाभ को भी साझा करना होता है। जबकि वरीयता शेयर में वोटिंग पॉवर नहीं होती लेकिन लाभ-लाभांश जरूर होता हैं।

शेयर मार्केट क्या होता है – यहा शेयरों/स्टॉकों का व्यापार किया जाता है। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयरों को मार्केट में बेचने के लिए खुद को पंजीकृत करती है उसे आईपीओ कहा जाता है। वह कंपनी सबसे पहले प्राथमिक बाजार में कारोबार करती है।

क्योंकि द्वितीयक बाजार में पहले से सूचीबद्ध कंपनियां ही स्टॉक ट्रेडिंग में शामिल होती हैं। भारत में शेयर ट्रेडिंग दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में होती है। एक शेयर की कीमत में जो बदलाव होता है वह कंपनी की एक इकाई के कथित मूल्य पर निर्भर करता हैं। लेकिन अगर शेयर की मांग बढ़ती है, तो ऑर्डर बढ़ने के साथ कीमत भी बढ़ेगी।

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