नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप, आज हम अपने Why & How के सेक्शन में एक ओर बड़ी ही रोचक जानकारी लेकर आये है। बृहस्पति सूर्य की परिक्रमा नहीं करता, क्योंकि जब हम सभी स्कुल में थे तो हमे बच्चों के रूप में सौर मंडल के बारे में यह बताया गया था की सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी-अपनी कक्षाओं में घूमते हैं। लेकिन क्या यह सत्य है, या हमे इसमें थोड़ा करेक्शन करने की आवश्यकता है।
अगर आपको कहाँ जाये की बृहस्पति ग्रह सूर्य का चक्कर नहीं लगाता तो यह जानकर आप हैरान होंगे की, क्या बृहस्पति वास्तव में सूर्य की परिक्रमा नहीं करता है – यह एक सत्य है। बृहस्पति बहुत बड़ा है, बृहस्पति इतना विशाल है कि यदि हमारे सौर मंडल के सभी दूसरे ग्रहों का द्रव्यमान मिला लिया जाए, तो भी बृहस्पति ग्रह उनसे 2.5 गुना बड़ा होगा।
बृहस्पति का रेडियस (43,440.7 मील) जो सूर्य के रेडियस का केवल दसवां हिस्सा है। बृहस्पति ग्रह ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना हुआ है, जिससे इसका घनत्व इसके विशाल आकार के बावजूद, पृथ्वी के घनत्व का केवल पांचवां हिस्सा है। सूर्य के चारों ओर घूमने वाला कोई भी ग्रह पूर्ण रूप से सूर्य की परिक्रमा नहीं कर रहा है। वास्तव में, सूर्य और अन्य ग्रह दोनों गुरुत्वाकर्षण के एक संयुक्त केंद्र की परिक्रमा कर रहे हैं।
अगर हम पृथ्वी की बात करें तो इसकी तुलना में सूर्य इतना बड़ा है कि इन दोनों के गुरुत्वाकर्षण का संयुक्त केंद्र सूर्य के मध्य के करीब स्थित है, इसलिए हमें ऐसा लगता है की जैसे हम स्वयं सूर्य के चारों ओर एक चक्र में यात्रा करते हैं। यही सिद्धांत हर दूसरे ग्रह के बारे में भी लागु होता है – केवल गैस के विशालकाय ग्रह बृहस्पति को छोड़कर। क्योकि बृहस्पति सूर्य की परिक्रमा क्यों नहीं करता?
बृहस्पति सूर्य की परिक्रमा क्यों नहीं करता हैं? Why Jupiter not revolve around the sun?
जब भी हम अपने सौर मंडल की कल्पना करते हैं, तो हम अक्सर अपने प्रमुख तारे यानि सूर्य को सभी ग्रहों के केंद्र में रखते हैं, जो की स्थिर और गतिहीन है तथा बाकि सभी ग्रह इसके चारों ओर परिक्रमा करते हैं। जो सौरमंडल की गतिविधि को समझने में आसान बनाती है, लेकिन तकनीकी रूप से यह सही नहीं है।
उदाहरण के लिए, हम हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति को लेंते है। बृहस्पति ग्रह सूर्य के केंद्र की परिक्रमा नहीं करता है – यह अपने और सूर्य के बीच के खाली स्थान में एक स्थान की परिक्रमा करता है जिसे Barycenter कहा जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सूर्य केवल बृहस्पति पर ही अपना गुरुत्वाकर्षण नहीं डालता – बल्कि बृहस्पति खुद इतना बड़ा है कि उसका स्वयं का खिंचाव सूर्य कैसे चले इसको प्रभावित करता है।
सूर्य, बृहस्पति की तुलना में लगभग 1,000 गुना अधिक विशाल है, और ये दोनों पिंड दूरी और द्रव्यमान के अनुसार आनुपातिक रूप से एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण जो सूर्य पर पड़ता है वह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण जो बृहस्पति पर पड़ता है उसका एक हजारवाँ हिस्सा है। बृहस्पति को अपनी कक्षा का एक पूरा चक्कर लगाने में पृथ्वी के 11.8 वर्ष का समय लगता हैं, और उतना ही समय सूर्य Barycenter के चारों ओर यात्रा करने में लेता है।
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बृहस्पति और सूर्य का Barycenter, सूर्य के केंद्र से उसकी रेडियस का 1.07 गुना या सूर्य की सतह उसकी रेडियस का 7 प्रतिशत बैठता है। सूर्य भी इस स्थान यानिकी Barycenter की ही परिक्रमा करता है; यदि हम ऊपर से ग्रहों के मूवमेंट को देखते हैं, तो आप देखेंगे कि जैसे ही सूर्य आकाशगंगा के चारों ओर घूमता है, तो वह आपको थोड़ा सा डगमगाता हुआ दिखाई देगा, इसे समझने के लिए आप इस एनीमेशन की मदद ले सकते है।
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यदि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखे तो बृहस्पति और सूर्य, अपने संयुक्त गुरुत्वाकर्षण केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते है और यह केंद्र सूर्य के बाहर स्थित है। इसलिए यह कह जा सकता है की बृहस्पति इतना बड़ा ग्रह है कि यह सूर्य की परिक्रमा नहीं करता।
अब हम सौर मंडल के अन्य दूसरे ग्रहों की बात करें तो वह इतने छोटे होते हैं कि सूर्य और उन ग्रहों ( जैसे की हमारी पृथ्वी) का Barycenter सूर्य के अंदर ही स्थित होता है। लेकिन कई ग्रहों का Barycenter सूर्य के केंद्र के पास भी स्थित होता है। यही कारण है की इस वजह से हमे ऐसा लगता है कि यह सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा कर रहे हैं।
बैरीसेंटर क्या है? What is Barycenter?
सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रह और तारे वास्तव में अपने सामान्य द्रव्यमान (Mass) केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते हैं। द्रव्यमान के इस सामान्य केंद्र को ही Barycenter कहा जाता है। Barycenter खगोलविदों को हमारे सौर मंडल से परे ग्रहों की खोज करने में भी मदद करते हैं।
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प्रत्येक वस्तु का एक Mass Center होता है। यह उन सभी चीजों का एक सटीक केंद्र होता है जिससे कोई वस्तु बनी होती है। या कहे किसी वस्तु का Mass Center वह बिंदु होता है जिस पर उस वस्तु को संतुलित किया जा सकता है।
कभी-कभी Mass Center सीधे किसी वस्तु के केंद्र में होता है। उदाहरण के लिए, आप किसी Scale का Mass Center आसानी से पता कर सकते हैं। यदि आप कुछ अलग-अलग जगहों पर अपनी उंगली को Scale के बीच में रखे तो आपको एक ऐसा स्थान मिलेगा जहां से आप पूरे Scale को केवल एक उँगली पर संतुलित कर सकते हैं।Mass Center को ही गुरुत्वाकर्षण का केंद्र भी कहा जाता है।
लेकिन कभी-कभी Mass Center वस्तु के केंद्र में नहीं होता है। किसी वस्तु के कुछ भागों में अन्य भागों की तुलना में अधिक Mass हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक हैमर जिसका अधिकांश Mass एक छोर पर होता है, इसलिए इसका Mass Center इसके भारी सिरे के बहुत करीब होता है।
इसीप्रकार अन्तरिक्ष में दो या दो से अधिक पिंड जो एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं उनका Mass Center भी होता है। यह वह बिंदु है जिसके चारों ओर पिंड परिक्रमा करते हैं। यह बिंदु वस्तुओं का Barycenter होता है। Barycenter आमतौर पर सबसे अधिक Mass वाली वस्तु के सबसे करीब होता है।
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Barycenter हमें अन्य ग्रहों को खोजने में कैसे मदद करते हैं?
यदि किसी तारे के ग्रह हैं, तो वह तारा एक ऐसे बायरसेंटर के चारों ओर परिक्रमा करता होगा जो उसके बिल्कुल केंद्र में नहीं है। इससे हमे वह तारा ऐसा लगता है जैसे वह लड़खड़ा रहा है।
अन्य सितारों के आसपास के ग्रह – जिन्हें एक्सोप्लैनेट कहा जाता है – को सीधे तौर पर देखना बहुत कठिन होता है। क्योकि वह उन सितारों की चमकदार चमक से छिपे हुए होते हैं जिनकी वे परिक्रमा करते हैं। किसी भी तारे के डगमगाने जिसे वैज्ञानिक भाषा में Wobble कहाँ जाता है, का पता लगाने का एक तरीका है कि क्या वह ग्रह उस तारे की परिक्रमा कर रहा हैं।
इसीप्रकार Barycenter का अध्ययन करके और कई अन्य तकनीकों का उपयोग करके-खगोलविदों अन्य सितारों के आसपास कई ग्रहों का पता लगाते है।
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